
जहर बन चुके कांके डैम की पानी की साफ सफाई और डैम को प्रदूषण मुक्त करने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने चरणबद्ध आंदोलन शुरु किया है.कांके पुल के करीब शुरु हुए इस आंदोलन में लोगों ने पीएचईडी विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कांके डैम को तत्काल प्रदूषण मुक्त करने की मांग की. आंदोलनकारियों ने विभाग पर आरोप लगाया कि शहर के नाले की पानी को पाइप के द्वारा ट्रीटमेंट प्लांट में ले जाने के लिए लाखों रुपये खर्च कर पाईप बिछाया गया लेकिन सात साल से अधिक होने को हैं.उस पाईप का ना तो इस्तेमाल हुआ और ना ही नाले की पानी डैम में सीधे गिरने से रोका जा सका.इसका नतीजा है कि आज डैम का पानी इतना जहरीला हो गया है कि उसमें के जलीय जीव जन्तु मर रहे हैं.पानी का ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया है. सबसे खतरनाक बात यह है कि यही पानी राजधानी वासियों को पेयजल के रुप में परोसा जा रहा है.सबसे दुखद बात यह है कि लाखों की आबादी वाले इस शहर में इस आंदोलन की शुरुआत कुछ जागरुक युवा मछुआरों ने की है जबिक तमाम पर्यावरणविद संस्थाएं जो बड़े-बड़े सेमिनार और पांच सितारा परिचर्चा इस पर करती हैं, उनका कहीं अता-पता नहीं है.
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